17 नवम्बर 2023, इस साल के लिए होगा ये बेहतर विकल्प आइये जानिए ,अधिक पैदावार लेने के लिए किसान भाई इस वर्ष लगायें सरसों की यह उन्नतशील किस्में – राई/सरसों का रबी की कुछ मुख्य फसल है । प्रदेश में राई के क्षेत्रफल में बहुत काम वृद्धि होती है । इसका प्रमुख कारण है कि सिचित खरपतवारो का बढ़ना इनकी छमता को ख़तम करता है । इसकी खेती सीमित सिचाई की दशा में कुछ विशेष नहीं होती है, उन्न्त विधियॉ अपनाने से उत्पादन एवं उत्पादकता दुगनी वृद्धि होती है और जिससे होता है ज्यादा लाभ.
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सरसों की फसल पूरे प्रदेश में (Sarso ki Kheti) मुख्य रूप से बोई जाने वाली फसल है । मुख्यतः सितंबर माह में सरसों की बुवाई शुरू हो जाती है।सरसों की फसल को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है , किसान सरसों की खेती बहुत कम मात्रा में करने लगे जिससे सरकार ने सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नत किस्मों के बीज तैयार करे है ,कुछ वर्षों पहले सरसों खेती में कमी नजर आयी थी , सरकार द्वारा अच्छे प्रयास व किसानों की मेहनत के बल पर एक बार फिर सरसों की खेती का रकबा 2019 – 20 व 2020 – 21 में अच्छे परिणाम रहे है ,जिन स्थानों पर सरसों की खेती नहीं की जाती वहां सरसो लगा कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है .
अधिक पैदावार लेने के लिए ,सरसों की यह उन्नतशील किस्में,होगी बम्पर पैदावार
सरसों की खेती के लिए सही समय और मिटटी का परिणाम:-इसके लिए ज्यादा गर्मी में तापमान की आवश्यकता नहीं पड़ती। सरसों की खेती हमारे किसान भाई मुख्यतः सर्दियों की ऋतु में की जाती हैं।इसके लिए सामान्य तमपम्येन किसान 15 डिग्री से 25 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में सरसों की खेती करने की लिए सही है , सभी प्रकार के मिट्टी में किसान सरसो की खेती अच्छी तरह से की जा सकती है और यह अच्छा विकल्प है ,हर जगह पैर सरसों की खेती बड़े पैमाने पर अच्छी पैदावार हो सकती है जिसकी पूरी संभावना है , सरसो की खेती लिए सबसे अच्छी मिटटी की बात की जाए तो इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी होती है .
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Sarso ki खेती के लिए कुछ उन्नत किस्मों के बीज :-
बाजार में तो वैसे कई सारि हाइब्रिड व उन्नत किस्मों की बीज उपलब्ध है , सरसों की फसल के बीज वैसे तो बहुत महंगे दामों में मिलते हैं और किसान मालामाल हो सकते है जिसके लिए हम कुछ जानकारी देंगे ,किसान यदि फिर भी किसान मेहनत करके सरसों की खेती करता है तो अच्छा मुनाफा कमा सकता है जो की अच्छा विकल्प है , सरसों की फसल के लिए उन्नत किस्म के बीज विशेष प्रकार से बनाये जाते है तैयार किये जाते है ,जिससे किसान इस प्रकार के हाइब्रिड बीजों का प्रयोग करके अच्छी पैदावार में बढ़ावा कर सके.
आर एच 30:-यह एक अच्छी तरह की किस्म है जो किसान भाई इसे शुष्क क्षेत्रों में भी बो सकता हो सकता जहा पर पानी की कमी हो वह के लिए भी एक अच्छा विकल्प जिसे काम पानी लगता है ,जहां पर पानी बहुत ज्यादा है वहां भी इस प्रकार के बीज की बुवाई कर के किसान अच्छी पैदावार दे सकता है और अपना मुनाफा कर सकता है , इस बीज का प्रयोग दोनों परिसिथितियो में किया जा सकता है , टी 59 इसकी उपज असिंचित अवस्था में की जनि चाहिए .यह फसल 15 से 18 किवंटल प्रति एकड़ की होती है।और साथ ही इसमें तेल की मात्रा 36% या उससे अधिक होती है।
अधिक पैदावार लेने के लिए ,सरसों की यह उन्नतशील किस्में,होगी बम्पर पैदावार
टी 59:- इसके ऊपर 15 से 18 किवंटल प्रति एकड़ में होता होती है। इसमें तेल की मात्रा 36% या इससे अधिक होती है।
अरावली आर ऍन 393:- यह सफेद रोली के लिए सर्व श्रेष्ठ मध्यम प्रतिरोधी माना जाता है।
नआरसीएच बी -101 । यह सासरो की फसल उस क्षेत्र के लिए बहुत ही उपयोगी मानी जाती है। इसका उत्पादन 20 से 22 क्विंटल प्रति एकड़ तक माना गया है और यह अच्छा विकल्प है .
आर एच 749:- इसका उत्पादन 24 से 26 क्विंटल प्रति एकड़ तक का माना गया है .