देश में हर एक वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन 4.7% बढ़ा रहा है । 2021-22 में 3,15,615 हजार टन के मुकाबले 2022-23 में 3,30,534 हजार टन पैदावार होती है .
यह जानकारी भी पढ़िए दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में (13.5%), पंजाब में (6.6%), और राजस्थान में (8.1%) और महाराष्ट्र में (3.5%) में खाद्यान्न का उत्पादन काफी बड़ा है ।
भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना हैंडबुक से यह महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुए और अंक में दी गई है।
मजदूरों की औसत दैनिक आय भी केरल में सबसे अधिक 764 रुपए रोजाना मापी गयी है , और जहा यह मध्य प्रदेश में सबसे कम 229 रुपए रोज है। और जहा केरल में 2021-22 की तुलना में निर्माण मजदूरों की दिहाड़ी में रोज 15 रुपए का बढ़ोत्तरी हुए है और वही 11 राज्यों के मजदूरों की दैनिक आय राष्ट्रीय औसत से कम मापी गयी है
RBI की रिपोर्ट के अनुसार – मध्यप्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन 13.5% की दर से बढ़ रहा है और दिहाड़ी मजदूरी केरल से तीन गुना कम हो रहा है
RBI की रिपोर्ट के अनुसार – मध्यप्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन 13.5% की दर से बढ़ रहा है और दिहाड़ी मजदूरी केरल से तीन गुना कम हो रहा है
दिहाड़ी मजदूरी के मामले में देने दिहाड़ी में केरल सबसे आगे:-
रिपोर्ट की माने तो , केरल के निर्माण मजदूरों की दिहाड़ी सबसे ज्यादा मणि गयी है . वहां निर्माण कार्य में लगे मजदूर को रोज औसत 852 रुपए मिलते हैं। और वही बात की जाये तो वहीं यूपी में 352 रुपए और बिहार में 342 रुपए हैगुजरात में 323 रुपए, महाराष्ट्र में 371 रुपए, राजस्थान में 393 रुपए,।दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां रोज 500 रुपए मिलते हैं। उत्तर भारत के राज्यों में यह राशि एक तिहाई ही है। जैसे मध्य प्रदेश में दिहाड़ी मजदूरी सबसे कम मानी गयी है जो रोज का 278 रुपए बनता है ।
खेत के मजदूरों की औसत दैनिक की आय भी केरल में सबसे अधिक 764 रुपए रोजाना की दिहाड़ी होती है ,यह मध्य प्रदेश में सबसे कम 229 रुपए रोज जो काफी कम है .
देश में एक वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन 4.7% बढ़ाता आया है,
बैंक में कहाः कि कृषि क्षेत्र दिन प्रतिदिन किसानों की अथक मेहनत, वैज्ञानिकों की कुशलता के साथ बढ़ावा हो रहा है.
जिस तरह आज कल राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग आधा हिस्सा कृषि का है लेकिन चेतावनी के संकेत के साथ हो रहा है कि यह उछाल कम हो सकता है,