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पारम्परिक खेती से ज्यादा मुनाफा देगी खरीफ तिल की फसल, जानिए खेती का सही तरीका और लाभ की जानकारी

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Til Farming

नमस्कार दोस्तों आज के इस समाचार के अंदर हम किसान भाइयों के लिए बरसात के मौसम में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए तिल की फसल की जानकारी देने आए हैं। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की भारती मार्केट में तिल के बहुत बढ़िया डैम देखने को मिल जाते हैं ऐसे में अगर आप इसकी खेती करते हैं तो आप पारंपरिक खेती के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। साथी आपको बता दे की मुख्य रूप से तिल की खेती महाराष्ट्र राजस्थान और पश्चिम बंगाल के साथ आंध्र प्रदेश गुजरात और तमिलनाडु सहित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इसकी खेती करी जाती है.

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कैसे करे खेती

तो दोस्तों अगर आपको भी इसकी खेती करना है तो सबसे पहले आपको दो-तीन बार जुटा करके खेत को अच्छे से तैयार करना है जिसके बाद तिल की बुवाई 30 से 45 सेंटीमीटर कतार में और 15 सेंटीमीटर पौधों से पौधे की दूरी के बीच की गहराई 2 सेंटीमीटर रखकर करना है जिसके बाद आपके प्रति बीघा की दर से एक किलोग्राम स्वच्छ बीजों का चयन करते हुए बुवाई करना है। दोस्तों इसके पहले आपको बीजों को रेट या रात के साथ सुखी हल्की-वाल्विंग मिट्टी में भी बुवाई कर सकते हैं। आप अगर बेस्ट वैरायटी की टाइल लाते हैं तो आप 80 से 85 दिन के अंदर 2.0 से 2.50 क्विंटल प्रति बीघा की उत्पादन कर सकते हैं।

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खाद और उर्वरक का प्रयोग

इसकी खेती में बेहतर मुनाफा के लिए आप 8 किलोग्राम यूरिया और 31 किलोग्राम सुपरफास्ट एक्सप्रेस के साथ 5 किलोग्राम गंधक और 50 ग्राम जिप्सम का प्रयोग कर सकते हैं जो कि आपको उड़िया बुवाई के 30 दिन के बाद देना है। साथी बेहतर फसल के लिए आपको बुवाई के 15 से 20 दिन बाद निराई करना है और 30 से 35 दिन के बाद फिर एक और बार निराई करना है। साथ ही रोक कीटों का ध्यान रखते हुए आपको फसल में इस straptocycline 4 ग्राम को 150 लीटर पानी में घोलकर पत्तियों पर छिड़काव करना है।

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रोग और कीटो से बचाओ

वहीं पर दोस्तों इसके तने और जड़ सड़ने वाले रोगों से बचने के लिए आपको रोग की रोकथाम के लिए भी उपचार की भी आवश्यकता होती है इसके लिए चोरनी फफूंद रोग जग फसल 45 से 50 दिन की होती है तब इसके पत्तियों में लगते हैं तो इसकी पत्तियां गिरने लगती है और इसे रोकने के लिए आपको पत्तियों पर घुलनशील सल्फर आधा किलोग्राम को 150 लीटर पानी में बोलकर छिड़काव करना है और आपके दिल की पट्टी मोदक और पाली छेदक कीट को दूर भगाने के लिए आपको 15 दिन के अंतराल में मोनोक्रोटोफॉस 36 sl 185 मिली लीटर प्रति 185 लीटर पानी में घोलकर प्रति बीघा की दर से छिड़काव करना है

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