Hindu Dharm : हिन्दू विवाह के दौरान क्या महत्व होता है वरमाला पहनाने का,आखिर क्यों पहनाते हैं वर वधु एक-दूसरे को माला,पढ़िए पूरी जानकारी
Hindu Dharm : हिन्दू विवाह के दौरान क्या महत्व होता है वरमाला पहनाने का,आखिर क्यों पहनाते हैं वर वधु एक-दूसरे को माला,पढ़िए पूरी जानकारी
Times Now Mahdya Pradesh :- भारतीय हिन्दू शादियों में जयमाला की प्रथा रामायण और महाभारत के समय से चली आ रही है। भले ही आज भी लोग इस प्रथा को फॉलो कर रहे हैं, लेकिन इसके महत्व के बारे में बेहद ही कम लोग जानते हैं।हिंदू धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है। उस समय से चली आ रही कई परंपराओं और रस्मों को आज भी किया जाता है। हालांकि कुछ चीजें खत्म भी हुई हैं, और कुछ में बदलते वक्त के साथ बदलाव भी हुआ है।
दक्षिण भारत में वरमाला आमतौर पर होता है, बड़ा और भारी
टाइम्स नाऊ मध्य प्रदेश की जानकारी के मुताबिक वर माला को जयमाला के नाम से भी जाना जाता है, वेदों में भी इसका जिक्र मिलता है। यह विवाह समारोह में अपनाई जाने वाली सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है, जिसे भारत के कई हिस्सों में थोड़े बहुत बदलाव के साथ फॉलो किया जाता है। उदाहरण के लिए, दक्षिण भारत में वरमाला आमतौर पर बड़ा और भारी होता है, जबकि उत्तरी भाग में यह हल्का होता है। यह रस्म दूल्हे के बारात लेकर शादी स्थल पर पहुंचने पर दुल्हन की मां द्वारा आरती उतारने के बाद होती है।
Hindu Dharm : हिन्दू विवाह के दौरान क्या महत्व होता है वरमाला पहनाने का,आखिर क्यों पहनाते हैं वर वधु एक-दूसरे को माला,पढ़िए पूरी जानकारी
रमायण और महाभारत के समय से चली आ रही रस्म
लेकिन वरमाला की रस्म क्यों होती है इसके बारे में आज के समय बहुत ही कम लोग जानते हैं। ऐसे में आज हम आपको यहां शादी में वरमाला के महत्व को बता रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है हिंदू समाज में होने वाली शादियां। इस धर्म में शादी सिर्फ दूल्हा-दुल्हन के बीच नहीं होती, बल्कि दो परिवारों के बीच होती है। इसलिए हिन्दू शादियों में रस्म भी उस तरह से किए जाते हैं। वरमाला सेरेमनी ऐसी ही एक रस्म है, जो रमायण और महाभारत के समय से चली आ रही है और इसमें आज के समय के अनुसार कई बदलाव भी हुए हैं।
Hindu Dharm : हिन्दू विवाह के दौरान क्या महत्व होता है वरमाला पहनाने का,आखिर क्यों पहनाते हैं वर वधु एक-दूसरे को माला,पढ़िए पूरी जानकारी
अब इस रस्म के दौरान बट जाती है दो टिम
एक समय था जब दुल्हन शरमाते हुए बिना दूल्हे के गले में माला पहनाती थी और बाकी लोग शांत खड़े होकर देखते थें। लेकिन अब जयमाला को मस्ती से भरपूर बना दिया गया है। अब इस रस्म के दौरान दो टिम बट जाती है, लड़के वाले और लड़की वाले। फिर दोनों दूल्हा-दुल्हन के लिए इस रस्म को मुश्किल बना देते हैं। कभी दूल्हे को उसके दोस्त और बाई कंधे पर उठा लेते हैं। कई बार दूल्हा और दुल्हन भी एक-दूसरे के साथ मस्ती करते नजर आते हैं।