Site icon

Dairy Vikas Yojana 2023: डेयरी फार्म निजी उद्यमियों की हुई चाँदी, मिल रही 50 प्रतिशत तक पूंजीगत लागत ,पढ़िए पूरी खबर

dairy susbidy yojna

डेयरी फार्म निजी उद्यमियों की हुई चाँदी, मिल रही 50 प्रतिशत तक पूंजीगत लागत ,पढ़िए पूरी खबर

Times Now Madhya Pradesh :- हमारे देश में किसानो के पास पशुधन और मुर्गी पालन के विशाल संसाधन है, जो ग्रामीण जनता की सामाजिक–आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ ही आय का प्रमुख जरिया है। पशुपालन के माध्यम से कृषि में विविधता ग्रामीण आय में वृद्धि के प्रमुख चालकों में से एक है। मोदी सरकार के नौ वर्ष पूर्ण होने पर केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग प्रमुख पशुधन रोगों के पूर्ण नियंत्रण, उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अनेक कार्यक्रम लागू कर रहा है।

image 164

कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं किया 5.71 करोड़ पशुओं को शामिल

पशुपालन और डेयरी हेतु योजनाएँ राष्ट्रीय गोकुल मिशन राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम: इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के दरवाजे पर कृत्रिम गर्भाधान सेवाएँ उपलब्ध कराना है। अब तक इसमें 5.71 करोड़ पशुओं को शामिल किया गया है, 7.10 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए जा चुके हैं और इस कार्यक्रम के अंतर्गत 3.74 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है। देश में आईवीएफ प्रौद्योगिकी को बढ़ावा: कार्यक्रम के तहत अब तक 19,248 जीवन क्षम भ्रूण पैदा किए गए, 8661 जीवन क्षम भ्रूण स्थानांतरित किए गए और 1343 बछड़ों का जन्म हुआ।

यह भी पढ़िए :- Agricultural Machinery : किसान भाइयो के लिए आई खुशखबरी इन कृषि यंत्रो पर मिल रही बम्पर सब्सिडी ,पढ़िए पूरी खबर

image 162

डेयरी फार्म निजी उद्यमियों की हुई चाँदी, मिल रही 50 प्रतिशत तक पूंजीगत लागत ,पढ़िए पूरी खबर

स्वदेशी नस्लों के विशिष्ट जानवरों के चयन के लिए किया इंडसचिप विकसित

सेक्स सॉर्टेड सीमेन या लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार करना: देश में 90 प्रतिशत तक सटीकता के साथ केवल मादा बछिया के जन्‍म के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन या लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार करना शुरू किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत, सुनिश्चित गर्भावस्था पर किसानों के लिए 750 रुपये या सॉर्टेड सीमेन की लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। डीएनए आधारित जीनोमिक चयन: राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने स्वदेशी नस्लों के विशिष्ट जानवरों के चयन के लिए इंडसचिप विकसित किया है और रेफरल आबादी तैयार करने के लिए चिप का उपयोग करके 25000 जानवरों का जीनोटाइप किया है। दुनिया में पहली बार, भैंसों के जीनोमिक चयन के लिए बफचिप विकसित किया गया है और अब तक, रेफरल आबादी बनाने के लिए 8000 भैंसों का जीनोम टाइप किया गया है।

image 161

भैंसों के लिए संतान परीक्षण कार्यक्रम लागू

पशु की पहचान और पता लगाने की क्षमता: 53.5करोड़ जानवरों (मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर) की पहचान और पंजीकरण 12अंकों के यूआईडी नंबर के साथ पॉलीयुरेथेन टैग का उपयोग करके की जा रही है। संतान परीक्षण और नस्‍ल चयन: गिर, शैवाल देशी नस्ल के मवेशियों और मुर्रा, मेहसाणा देशी नस्ल की भैंसों के लिए संतान परीक्षण कार्यक्रम लागू किया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने एनडीडीबी के साथ एक डिजिटल मिशन, “राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम) शुरू किया है। इससे पशुओं की उर्वरता में सुधार करने, पशुओं और मनुष्यों दोनों को प्रभावित करने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने, गुणवत्तापूर्ण पशुधन और घरेलू और निर्यात बाजार दोनों के लिए पशुधन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

डेयरी फार्म निजी उद्यमियों की हुई चाँदी, मिल रही 50 प्रतिशत तक पूंजीगत लागत ,पढ़िए पूरी खबर

image 163

भूमि लागत को छोड़कर 50 प्रतिशत प्रति फार्म 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी

विभाग पशुधन क्षेत्र के माध्यम से विशेष रूप से किसानों की आय बढ़ाने में मदद करने के सामान्य उद्देश्य से अन्य मंत्रालयों और हितधारकों के साथ मिलकर तालमेल करने के प्रयास कर रहा है।नस्ल वृद्धि फार्म इस योजना के तहत नस्ल वृद्धि फार्म की स्थापना के लिए निजी उद्यमियों को पूंजीगत लागत (भूमि लागत को छोड़कर) पर 50 प्रतिशत (प्रति फार्म 2 करोड़ रुपये तक) की सब्सिडी प्रदान की जाती है। अब तक डीएएचडी ने 76 आवेदन स्वीकृत किए हैं और एनडीडीबी को सब्सिडी के रूप में 14.22 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

https://timesnowmadhyapradesh.com/index.php/2023/06/23/dahn-ki-buvai-karte-samy-ye-galtiya-de-sakti-hai-apko-bhari-nuksan/
https://timesnowmadhyapradesh.com/index.php/2023/06/28/tmatr-ki-badthi-kimto-ne-pakdi-taftar-barish-ki-gadbadi-se-hui-ye-takleef/
Exit mobile version