कम बारिश से किसान न हो परेशान ,बुवाई की इस तकनीकों से ले भरी भरकम उपज जाएं ये है कुछ खास तकनीकी

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कम बारिश से किसान न हो परेशान ,बुवाई की इस तकनीकों से ले भरी भरकम उपज जाएं ये है कुछ खास तकनीकी

Times Now Madhya Pradesh :- भारत को विश्व में सबसे अधिक क्षेत्रफल में धान उत्पादन करनें वाले देशों में गिना जाता है | भारत में लगभग 44.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में धान का उत्पादन किया जाता है। धान की सीधी बिजाई (DSR Technique) के कई फायदे हैं. इसमें पानी और श्रम दोनों की बचत होती है. सीधी बिजाई से धान की खेती करें तो एक एकड़ में दो मजदूरों से काम हो जाता है. साथ ही परंपरागत खेती की तुलना में 15 फीसद कम पानी की जरूरत होती है. सीधी बिजाई से धान की फसल जल्द तैयार भी होती है.

पानी व मेहनत की बचत के लिए करे ये उपाय

टाइम्स नाउ मध्य प्रदेश की जानकारी के मुताबिक सीधी बिजाई में अगर ड्रम सीडर्स का इस्तेमाल करें तो दो मजदूरों की मदद से एक दिन में पूरे एकड़ में धान की बुआई की जा सकती है. अगर वहीं धान की परंपरागत खेती करें जिसमें बिचड़े की रोपाई की जाती है, तो एक एकड़ की खेती में 25-30 मजदूरों की जरूरत होगी. इसके अलावा, परंपरागत खेती में किसानों को बिचड़ा तैयार होने के लिए एक महीने का इंतजार करना होता है. सीधी बिजाई में ये सब झंझट नहीं है. ऐसी जानकारी ICAR-IIRR के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. महेंद्र कुमार ने ‘बिजनेसलाइन’ को दी.

कम बारिश से किसान न हो परेशान ,बुवाई की इस तकनीकों से ले भरी भरकम उपज जाएं ये है कुछ खास तकनीकी

इस विषय में जाने क्या है वैज्ञानिको की राय

कृषि विज्ञान केंद्र, वायरा (तेलंगाना) के डॉ. जे हेमंत कुमार कहते हैं, सीधी बिजाई (DSR Technique) ही धान का भविष्य है. इससे मजदूरों की कमी की समस्या दूर की जा सकती है क्योंकि धान की खेती में यही सबसे बड़ी बाधा है. इसमें किसानों को बारिश का इंतजार नहीं करना पड़ता क्योंकि वे खेतों में धान की सीधी बिजाई कर सकते हैं. तेलंगाना में किसान धान की रोपाई के लिए बारिश का इंतजार करते हैं क्योंकि बारिश से पानी मिलता है. फिर धान के बिचड़े को रोपना होता है. इससे खेती का समय भी बढ़ जाता है. लेकिन सीधी बिजाई में खेत में बीज छिड़क कर खेती करते हैं. इससे धान की फसल 10-15 दिन पहले तैयार हो जाती है.

कम बारिश से किसान न हो परेशान ,बुवाई की इस तकनीकों से ले भरी भरकम उपज जाएं ये है कुछ खास तकनीकी

बारिश में हुई देरी से किसान ये करे खेती की तैयारी

टाइम्स नाउ मध्य प्रदेश की जानकारी के मुताबिक इस साल बिपरजॉय तूफान के कारण मॉनसून में देरी हुई है. लेकिन इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. प्रदेश में किसानों ने बारिश के भरोसे जुताई का काम पूरा किया था. साथ ही कुछ जिलों में किसानों ने सोयाबीन की फसल की खेती की तैयारी पूरी कर ली थी. लेकिन अभी तक मॉनसून ठीक से नहीं आया है, मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के जल्दी और समय पर आने की भविष्यवाणी की थी. इसके चलते किसानों ने भी हजारों रुपये खर्च कर बुवाई के लिए जरूरी बीज खरीदे. लेकिन अभी बुवाई के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, ऐसे में किसानों के सामने सवाल यह है कि बुवाई समय पर होगी या नहीं

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